केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राजस्थान के प्रतापगढ़ में मंगलवार को हुए एक कार्यक्रम में शिरकत की.
इस कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि किसान केवल अन्नदाता नहीं, ऊर्जादाता भी बनेगा. ये हमारी सरकार की सोच है.
गडकरी ने इस कार्यक्रम में कहा, ''अब सब गाड़ियां किसानों के तैयार किए इथेनॉल पर चलेंगी. 60 फ़ीसदी इथेनॉल और 40 फ़ीसदी बिजली, उसका अगर औसत पकड़ा जाएगा तो 15 रुपये लीटर पेट्रोल का भाव होगा, जनता का भला होगा.''
गडकरी बोले, ''किसान ऊर्जा दाता बनेगा. देश की जनता का भला होगा. देश का प्रदूषण कम होगा. आयात कम होगा. 16 लाख करोड़ का आयात है. उसके बजाय ये पैसा किसानों के घर में जाएगा. किसानों के घर समृद्ध होंगे. रोज़गार मिलेगा.'
इथेनॉल एक अलग तरह का ईंधन है. इसके इस्तेमाल से प्रदूषण कम होता है.
गन्ने के रस के ज़रिए इथेनॉल बनाया जा सकता है.
2022 में विश्व जैव ईंधन दिवस के मौक़े पर हरियाणा के पानीपत में टूजी इथेनॉल संयंत्र देश को समर्पित किया था. इस जगह से हर साल तीन करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया था.
सरकार की ओर से कहा गया था कि यह परियोजना से ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा में सालाना लगभग तीन लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन के बराबर की कमी लाने में योगदान देगी. ऐसा होने से देश की सड़कों से सालाना लगभग 63 हज़ार कारों के हटने के बराबर माना जा सकता है.
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